Saturday, January 30, 2021

सत्याग्रह का परिणाम

"पहले ज्ञान के साधक नक्सली बन गए,
फिर युवा रास्ते से भटक से गए।
फिर जो हिन्दू नहीं, देशद्रोही हुए।
फिर भी जो कुछ बचे, धुर विरोधी हुए।
ज्ञानदाता हो या फिर विधाता सही,
जिसने उस ओर देखा, शत्रु वो बन गए।।१।।
 
आखिरी किस्त थी, और चुकानी भी थी। 
और नमक से दगा कर, निभानी भी थी।
बात झूठी सही पर बतानी भी थी। 
आँख में गड़ रही वो किसानी भी थी।।
हो गया उनका भी, वैसा ही ये हसल।
खेत रोता रहा, रोती अब है फसल।।२।।

बोलो तुम साधकों, अब भी क्यों मौन हो....?????
बचा गया जो अभी, आदमी कौन है....????"
 
-निखिल वर्मा "गिरिजा शंकर"
 Copyright@2021
All rights reserved.