Sunday, February 18, 2018

कैसा हो वीरों का विजय पथ ?

।। कैसा हो वीरों का विजय 🏆 पथ?  ।।
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१५ जून २०१६ को रचित मेरी यह कविता आपको संघर्षपूर्ण जीवन के प्रति आशान्वित करने का प्रयास करती हुई  व महान व्यक्तियों के द्वारा स्वयं ही जीवन में संकटों को स्वीकार कर, उनका जीवन-लक्ष्यों की प्राप्ति के मार्ग में स्वागत कर, जीत हासिल करने में ही सच्ची वीरता का भाव होने की बात कहती हुई; भाग्य की प्राप्ति को, संघर्ष से प्राप्त विजय के समक्ष गौण बतलाती है। प्रस्तुत है तरंगिनी-श्रृंखला-१० की मेरी यह कविता "कैसा हो वीरों का विजय पथ? "
                                                                             
पग-पग संघर्ष तुम्हारा है।
जीवन पथ काँटों की माला है।।
किसी को कृन्दन, किसी का वन्दन।
काँटों का आचरण निराला है।।१।।
                                     
प्रकृति व भाग्य :-

"कमजोर" पथिक आना चाहो,
तो फूलों की सेज बिछी राहों में|
सुन्दर बगिया, कितनी नदियाँ ;
अमृत की झील बड़ी राहों में।। २।।                             

थोड़े पत्थर तुम हटा देना।
चुन-चुनकर फूल 💐 सजा लेना।
कुछ रेतीली भूमि पर भी,
अपनी बगिया महका देना।।३।।                                                 
सीधे चलना तुम राहों पर,
कदमों  को पुनः बढ़ा देना।
कुचले-सूखे फूल हटाकर,
नवकलियों को बिखरा देना।।४।।

काँटों का दर्द नहीं सहना,
फूलों का हार गले पहनो।
चलकर, मंजिल जब तुम पाओगे,
"हीर-रत्न" कहलाओगे।।५।।

वीर पथिक :-

स्वीकार तुम्हारा याराना।
रत्नों में श्रेष्ठ हमें बनना ।
पर ना••••••मैं "कमजोर"नहीं।
मंजिल से दूर ,........."मजबूर" नहीं।।६।।

डर मेरा दूर हुआ सब से।
मन मेरा "शूर" हुआ अब से।
अनजानी-पथरीली राहें ,
मुझको ढूंढ रहीं कब से।।७।।

काँटों से प्रेम हमारा है ,
इसमें ना दोष तुम्हारा है।
जीत भी वही , जश्‍न भी वही।
पर राहों पर # पद्चिन्ह हमारा है।।८।।

फूलों की "अपनी" बगिया में ,
काँटों को स्वयं बिछाऊँगा ।
कदमों से बहे "रक्त" मेरे ,
उससे # पद्चिन्ह बनाऊँगा।।९।।

संघर्ष मेरा यह जीवन हो,
उसमें आलंबन-उद्दीपन हो।
हाँ••••••मेरा उत्थान जरूरी है ,
पर संघर्षों से कभी न दूरी है।।१०।।

स्वादहीन कोमल राहों पर चल,
मैं "हीर- रत्न" कहलाऊंगा ।
गुजरा यदि कंटकाकीर्ण राहों पर,
"श्रेष्ठ- रत्न" बन जाऊंगा ।।११।।

रचनाकार-निखिल देवी शंकर वर्मा
अध्ययनरत-लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ।
© Copyright 2018.
All rights reserved.
e-mail: nverma161094@gmail.com

4 comments:

  1. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति 👏👏👏👑👑👑🌈🌈🌈

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    1. हार्दिक धन्यवाद,भ्राता!☺🌈🙏

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  2. Congrats for this beautiful composition

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