Thursday, February 22, 2018

उत्तम जीवन के साधन - स्वास्थ्य, नैतिकता एवं योग

सुबह सवेरे जल्दी उठकर, नमन करो इन तीन को ।
जो हमारा पालन करते हैं, माता, पिता, जमीन को।।
फिर व्यायाम करो एक घंटा, होगी सबकी खैर ‌।
अति उत्तम है सबको करना, सुबह-सुबह की सैर।।१।।

नाश्ता करना तुम जो, जाते हो भूल "गुरू"।
कमज़ोरी शरीर में, हो जाती बस यहीं शुरू।
विषाणु-जीवाणु भी, करते हैं तांक-झांक।
उसी जीव में जाते हैं, जो होता सूखा बांस।।२।।

हरी सब्जियां, लाल टमाटर, मूली गाजर खाएंगे।
दाल-चावल, रोटी से, सतरंगी थाल सजाएंगे।
ताकतवर बनकर जब भी हम सब, लड़ने कहीं भी जाएंगे।
खली-महाबली भी हमसे, कभी जीत न पाएंगे।।३।।

इन्द्रधनुष के सब रंगों से, जीवन को दो रंग।
बच्चों के टीके लगवाकर ; कर दो बीमारी को दंग।
उल्टी-दस्त यदि आए बच्चों को; तो दो ORS का घोल।
Zinc tablets और Vitamins ;कर देंगे गोल-मटोल।।४।।

उत्तम भोजन, योगासन से ; जीवन में खुशियाँ लाएंगे।
स्वच्छता और टीके सात , बीमारी दूर भगाएंगे।
खेल-कूद के मैदानों में, गीत जीत का गाएंगे।
ध्यान लगाकर पढ़कर सब , भारत का मान बढ़ाएंगे।।५।।

रचनाकार-निखिल देवी शंकर वर्मा
अध्ययनरत-लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ ।
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