sscexamscam
"श्रम से युक्त कर्म का फल,
जब छल-बल से छिन सकता है,
तब जन-मन की आंधी में,
सिंहासन तक हिल सकता है।।१।।
अब लाखों छात्र अधीर हो चुके,
सैलाब कहां रुक सकता है।
कलयुग के अंधे धृतराष्ट्र का भी;
चीर-हरण हो सकता है।।२।।"
रचनाकार-निखिल देवी शंकर वर्मा
अध्ययनरत-लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ।
© Copyright 2018.
All rights reserved.
e-mail : nverma161094@gmail.com
"श्रम से युक्त कर्म का फल,
जब छल-बल से छिन सकता है,
तब जन-मन की आंधी में,
सिंहासन तक हिल सकता है।।१।।
अब लाखों छात्र अधीर हो चुके,
सैलाब कहां रुक सकता है।
कलयुग के अंधे धृतराष्ट्र का भी;
चीर-हरण हो सकता है।।२।।"
रचनाकार-निखिल देवी शंकर वर्मा
अध्ययनरत-लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ।
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e-mail : nverma161094@gmail.com
बहुत बेहतरीन निखिल जी ..
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद, आलोक भाई ।☺
ReplyDeleteBe the change what u want....
ReplyDeleteThe lamp has been lighted, soon the change will be seen and my India will be number 1 in human resources.
ReplyDeleteबहुत खूब🙌🙌
ReplyDeleteधन्यवाद भाई!
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